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ग़म-ए-जहाँ की है उम्मीद नए साल तुझ से
बीतें साल ने गम कुछ कम दिए!
- आकाश चौधरी
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ग़म-ए-जहाँ की है उम्मीद नए साल तुझ से
बीतें साल ने गम कुछ कम दिए!
- आकाश चौधरी
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