राम तजूं  (सहजोबाई)'s image
Poetry1 min read

राम तजूं (सहजोबाई)

Abhishek TyagiAbhishek Tyagi July 31, 2022
Share0 Bookmarks 126 Reads1 Likes
राम तजूँ पै गुरु न बिसारूँ। गुरु के सम हरि कूँ न निहारूँ॥
हरि ने जन्म दियो जगमगाहीं। गुरु ने आवागमन छुटाहीं॥
हरि ने पांच चोर दिये साथा। गुरु ने लइ छुटाय अनाथा॥
हरि ने कुटुँब जाल में गेरी। गुरु ने काटी ममता बेरी॥

No posts

Comments

No posts

No posts

No posts

No posts