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*वो माँ होती है*
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वो माँ होती है जो हमारे,
हर दुःख को ख़ुद में समेटकर मुस्कुराती है।
ज़िन्दगी के हर दौर में तटस्थ खड़ी होकर,
अपने आँचल के छाया में ही सुलाती
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वो माँ होती है जो हमारे,
हर दुःख को ख़ुद में समेटकर मुस्कुराती है।
ज़िन्दगी के हर दौर में तटस्थ खड़ी होकर,
अपने आँचल के छाया में ही सुलाती
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