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मातृ दिवस पर स्वरचित कविता

Abhishek YadavAbhishek Yadav May 9, 2022
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मातृ दिवस के शुभ अवसर पर प्रथम स्वरचित कविता  अगर कविता में कोई कमी या गलती हो तो मुझे (अभिषेक) को माफ करे धन्यवाद ।
❤️मैं यह कविता अपनी श्री माता जी समर्पित करता हूं।❤️

सर्वप्रथम मां नमन तुम्हे  इस धरा पर  मुझको लाई हो,
अर्ज करू उस प्रभु से  जीवन तेरा सुखदाई हो,
मां के चरणों में मुझको सारी खुशियां मिल जाती है,
भूखा यदि मैं सोऊं तो जागकर मुझे खिलाती है,
रूठ भी जाऊं अगर कभी तो मां ही मुझे मानती है । ........(1)

सह लेती खुद दुखड़े सारे कष्टों से हमे बचाती है,
यदि दिखता कभी बेचैन हूं मैं तब खाना तक नहीं खाती है,
ईश्वर का ही रूप है मां हमे जीवन जीना सिखलाती है,
पापा जी की डांटो से मां ही हमे बचाती

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