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वो वक्त भी कितना खूबसूरत था
जो तेरे साथ गुजारा है
मंद हवाओं के झोंको ने
हर वक्त तुझे संवारा है
मीठी मीठी बातें वो
कितना प्यारा मौसम था
पल में सदियां जी लेते थे
संग तितलियों के उड़ लेते थे
हुए बहुत दिन
अब तो आओ...
वो मौसम फिर से बुलाता है
वो रंग बिरंगी तितलियों की
याद हमें दिलाता है...
साथ बैठ कर बातें हों
कुछ तुम कहो कुछ हम कहें
सादे जीवन में प्यार के रंग
कुछ तुम भरो कुछ हम भरे...!!
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अभिषेक विश्वकर्मा ✍️
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