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कैसे कहें तमन्ना-ए-दिल, तुम सुनती हो सिर्फ कानों से,
जो इक बार सुन सको तो देखो सिर्फ आँखों में,
कि लहू का बहता है दरिया, जो दिखता सिर्फ पानी है,
कि तुम जो साथ न हो तो याद तुम्हारी आनी है॥
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