"तू "'s image
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इन थरथराते हाथों की थरथराते अंगुलियों से,

थरथराते शब्दों में तुझे लिखना कितना मुश्किल है...


उतना ही जितना तेरी इन आँखों के दरिया से मेरा निकल पाना,

तेरी रेशमी जुल्फों की उलझनों के भंवर में फंस के रह जाना,

तेरे होठों की वो प्यारी मुस्कान जो मेरा ध्यान तेरी ओर खींच ले जाती थी,

उसे बापस ला पाना,

तुझे लिखना कितना मुश्किल है...


उतना कि तेरे साथ देर रात तक की गई बातें जब भी याद आती हैं,

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