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ज़िन्दगी उस पार है
मैं धार के विपरीत हूँ
फिर भी
वो लबों की गीत मेरी
मैं भी उसका गीत हूँ
वो है जन्नत जिंदगी की
थोड़ा मैं बेढंगा सा
मन है पावन ऐसे उसका
गंग
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ज़िन्दगी उस पार है
मैं धार के विपरीत हूँ
फिर भी
वो लबों की गीत मेरी
मैं भी उसका गीत हूँ
वो है जन्नत जिंदगी की
थोड़ा मैं बेढंगा सा
मन है पावन ऐसे उसका
गंग
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