
Share0 Bookmarks 41 Reads0 Likes
जीवन रूपी सिक्के के दो ही पहलू तो होते है सुख और दुख। दोनो ही एक दूसरे के अस्तित्व के लिए आवश्यक है।
सुख और दुख के अनूठे रिश्ते के बारे में पढ़िए मेरी ये कविता मेरे ब्लॉग पर अच्छा लगे तो शेयर करे।
http://rama-ki-duniya.blogspot.com/2021/08/blog-post_24.html
No posts
No posts
No posts
No posts
Comments