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जीवन रूपी सिक्के के दो ही पहलू तो होते है सुख और दुख। दोनो ही एक दूसरे के अस्तित्व के लिए आवश्यक है।
सुख और दुख के अनूठे रिश्ते के बारे में पढ़िए मेरी ये कविता मेरे ब्लॉग पर अच्छा लगे तो शेयर करे।
http://rama-ki-duniya.blogspot.com/2021/08/blog-post_24.html
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