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विरह में न रह पाऊँगी

Abhay DixitAbhay Dixit March 24, 2022
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न देना कृष्ण सा प्रेम मुझे,
न में राधा बन पाऊँगी,
सारा जीवन अलग होकर,
कैसे में एक कहलाऊँगी।।

न दरश देना मुझे कृष्ण बन,
न में मीरा बन पाऊँगी,
 जीवन तो सारा बस तेरे नाम कर,
  बिन तेरे विरह में न रह पाऊँगी।।

न बनना तुम नटखट कन्हैया,

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