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जब भी कुछ में लिखता हूँ,
कैसे बो सुन लेती है!
मेरी हर लिखे गीत को,
खुदका गीत समझ लेती है!
जब भी में गाउँ कहीं तो,
कहती है कि तुम गीत मेरे ही
दोहराते हो!
जो जमाने भर को भाते तुम
पर गीत मेरे ही गाते हो!
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