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नयनों में नयनों की कहानी है, या उम्र ये तेरी नादानी है,
दिल को कब तक दिल कहें ,ये बात अभी तक न जानी है,
हर मोड़ यहाँ का आभासी है, बड़ा ही मिथ्यावादी लगता है
इस उम्र में न जाने क्यों सबको, ये ही सबसे सही लगता है
टूटना बिखरना, प्रेम-नफरत, ये सब इसकी निशानी है
नयनों में नयनों की कहानी है, या उम्र ये तेरी नादानी है
यहाँ का हर समुंदर उथला है ,नदियों में गहरा पानी है
अंदर जितने कांटे इसमें,बाहर फूलों की मेजबानी है
यहाँ का हर दर्द बेदर्दी सा,पानी में प्यास की कहानी है
हम-तुम भी इसको जी रहें, पर सबको बात छुपानी है
बिन कहानी भी कैसे जियें,दिल में अरमानों की कहानी है
नयनों में नयनों की कहानी है या उम्र ये तेरी नादानी है।।
~अभय दीक्षित
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