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में किसान हूँ में किसान हूँ,
न धुप लगती है मुझे,
न ठण्ड कभी लगती है,
बारिश तो मुझे औषधि सी लगती है।।
में किसान हूँ में किसान हूँ,
जब आप बैशाख की तपन में आराम करते है,
तब में खेत जोतने जाता हूँ,
सारा देश बैठ कर खाय ,
इसलिए में आराम न पता हूँ।।
न कभी में अभिमान करता खुद पर,
न कभी में सम्मान की चाह रखता हूँ,
मेरा देश में कोई कभी न भूखा सोये ,
इसलिए दिन - रात में मेहनत करता हूँ।।
बस
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