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मन को मन ही जीतेंगे,
खुद से कभी न हारेंगे,
जो हमारे मीत बनेंगे,
बो ही अब संगीत बनेंगे।।
मन दोबारा फिर मिलेंगे,
और नए संबंध बनेंगे,
नई कहानियों के लेखन होंगे
जिसमें कुछ अध्याय हमारे होंगे।।
गलियारों में नित नये-नये चर्चे होंगे,
उनमें कई वादे के जिक्र होंगे,
महफ़िल होगी रंग भी होंगे,
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