
Share0 Bookmarks 108 Reads0 Likes
जब जीवन में तृष्णा न हो तो,
जीवन संत सा हो जाता है,
अगर मन कुटिल कामी हो जाये,
मधुशाला भी धाम नज़र आता है।।
अगर नज़र राम की हो जाये ,
इंसान देवता बन जाता है,
अगर मन में रावण वसा हो तो,
देवता भी राक्षस नज़र आता है।।
अगर प्रेम सम्पर्ण हो जाये,
पूजा बन जाता है,
अगर प्रेम दाम हो जाये,
व्यापर नज़र आता है।।
मन में अगर श्रद्धा हो तो,
कंकर भी शंकर
No posts
No posts
No posts
No posts
Comments