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दिल की इबादत लिख भी दूँ
मौत पर लिखूँ इतने काबिल नहीं हूँ
तुम्हारी राह के काँटे तो चुन लूँ
तुम्हारे संग-संग चल सकूँ इतने काबिल नहीं हूँ
तुम्हें तो में अपना मान भी लूँ
तुम्हें बता सकूँ इतने काबिल नहीं हूँ
जमाने पर तो सब कुछ लिख भी दूँ
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