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August 27, 2021
जब कभी उसको निहारते रहना - अब्दुल रहमान अंसारी ( रहमान काका )

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जब कभी उसको निहारते रहना |
उसकी ख़ूबसूरती का सदका उतारते रहना |
उसकी आँखों पर कोई शेर कहना,
उसको होंठों को निखारते रहना |
जब कभी उसकी याद में खो जाना,
तब तुम मयखाने की राह तलाशते रहना |
हमें अपनी गलती का अफशोश है,
तुम भी अपनी गलती सुधारते रहना |
उसे सुनाओगे तो अच्छा लगेगा उसको भी,
जब भी मिलना उससे तो ये शेर गुनगुनाते रहना |
हैं लाख गम दिल में मगर फिर भी,
"रहमान" ने सीख लिया है मुस्कुराते रहना |
~ अब्दुल रहमान अंसारी ( रहमान काका )
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