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बेचो बेचो सबकुछ बेचो

Abasaheb MhaskeAbasaheb Mhaske August 27, 2021
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बेचो बेचो सबकुछ बेचो

घर में रेशन हैं ना सुकून 

भूखे- नंगे बच्चे घूमे

दिनरात तुम नशे में चूर

 

बेचो बेचो सबकुछ बेचो

कोई कुछ नहीं बिगड़ सकता

बीवी बच्चे जाये भाड़ में

बस दोस्त खुश रहने चाहिये

 

 बेचो बेचो सबकुछ बेचो

कुत्ते - बिल्ली , साप नेवले

शेर - पावशेर बिलकुल निठल्ले

जमीर तो कब का बेच चुके हो

 

 

 बेचो बेचो सबकुछ बेचो

कौन सी नशा करते हो ?

हमें भी बतावों यार अब तो

हम भी जियेंगे बेफिर्की से 

 

बेचो बेचो सबकुछ बेचो

हो सके तो हमें भी बेचो

घर- बार खेत - खलियान

बोर्या बिस्तर झाड़ू -पोछा  

 बेचो बेचो सबकुछ बेचो

क्या पाया - क्या खोया ?

कुछ मत सोचो, बेचते रहो

बाप का माल दिल खोल के 

 

 

 बेचो बेचो सबकुछ बेचो

दोस्तों के खातीर जीते रहो 

कुछ शर्म बाक़ी हैं तो डुब मरो चुल्लूभर पानी में

 

 बेचो बेचो सबकुछ बेचो

काम धंदा कुछ करते नहीं

नरक बना दी हैं जिंदगी यार

झूठे- वादे कब तक बेशर्मी से  




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