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यह तो हैं बस चाबीदार खिलौना
उसको कोई संवेदना होती न
किसी से प्यार वफ़ा न कोई रिश्ता
नहीं किसी सुख दुःख से कोई लेना देना
जितनी भी लगेगी चाबी
उतनाही चलेगा खिलौना
सुबह शाम रात प्रहर घूमेगा
तब तक चार्जिंग ख़तम न हो
जैसे कटपुतली का डोर खींचो
वैसे ही वो करे डान्स नगीना
उतनेही नौटंकी हावभाव प्यारे
तालियों की बौछार और वाह वाही
पर्दे के पीछे के कलाकार नचाते उन्हें
पर लोगो को लगे वही प्यारा खिलौना
डोर खींचो या चार्ज करो बस समयानुसार
और देखो तमाशा दिल खोलके करो जयकारा
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