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मैंने गाँधी को नहीं मारा ?
बड़ी बेशर्मी से कहते हो
सत्य अहिंसा से डरते हो
नफरत का जहर बोते हो ?
मैंने गाँधी को नहीं मारा ?
बड़ी बेशर्मी से
बिच बाजार चौराहा गोली मारी
नतमस्तक होके ख़तम करो
यह कैसा यार रिवाज तुम्हारा ?
देशभाक्ति , समता बंधुता
सविनय असहकार प्यारा
बापू ने सही रास्ता दिखाया
फिर भी क्या किया पूछते हो ?
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मैंने गाँधी को नहीं मारा ?
कल तक कहनेवाले आज तो
खुलेआम समर्थन में जुटे हैं
सच
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