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फोटोग्राफर ,
एक आँख को मिच कर
अंगुलियों से बटन को क्लिक कर
कैद करता है ,सारी क़ायनात को
कहते है वक़्त को कोई रोक नही सकता
पर ,वो वक़्त से लम्हों को चुरा लाता है |
विदाई के आँसू सूखने से पहले
उतार लेता है ,अपने जादुई लेंस से
कभी अलसुबह उठ कर
जम्हाई लेती ओंस की बूंदों को
इशारा करके मजबूर करता है
कुछ देर ठहर जाने को...…........
वो दौड़ता हे, चिलमिलाती धूप में महज
उस किसान की टपकती पसीनें की बूंदों को
समाज में हिस्सा देने के लिए........
वो लोगो के बचपन को ,भागदौड भरी जिंदगी में
एल्बम में छूपा देता है ,
और जब भूल जाते है बच्चें
परवरिश को , तो याद दिलाने को
तस्वीरों में लिपटी यादों को दिखा देता है |
बम धमाकों से बिसरे मका
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