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कोशिशें तो बहुत की मगर
तोड़ ना पाये सपनों को मेरे
जिनकी ख़ातिर छोड़ा मुझे
जा बता दे अपनो को तेरे
जो मुलाकात पहली बिताई
दिल तो क्या जाँ हमने लुटाई
आँख में जो थी तस्वीर तेरी
आँसुओ से ही दे दी विदाई
साज़िशें तो बहूत की मगर
प्यार कितना जताते भले हो
ये पता तो था तुम मनचले हो
जो बसाया घर हमने मिलकर
तुम थे मेहमान आकर चले हो
रंजिशें तो बहुत थी मगर
एक में ही महोब्बत हुँ तेरी
झुठ कहता था आदत थी तेरी
कैसे चेहरा दिखाऊ खुदा को
इश्क ही तो इबादत थी मेरी
ख्वाहिशें तो बहुत की मगर
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