सुन ना मां's image
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कहनी थी शायद से मुझे तुमसे कई सारी बात

रह गयी शायद आज सारी मेरे साथ


कल तक जो तू थी मेरे साथ

आज क्यों है घर में सिर्फ तेरे धुंधले से एहसास


एक कॉल जो रोज हाल पूछने आता था

मेरी बेपरवाही में मुझे जोर की डांट लगाता था

आज उसका नंबर फ़ोन पे देख

वक्त बस थम सा जाता है


सुन ना मां तेरी गोद में फिर सर रख कर

सोने का जी चाहता है


दिल ज़ोर ज़ोर से बस रोना चाहता है

फिर अचानक से तेरा हस्ता हुआ चेहरा नज़र आता है


तुझसे कहनी बहुत सारी बातें थी

तेरे संग तो मुझे ज़िन्दगी बितानी थी

तू तो यूँ ही मुझे बीच मझधार में छोड़ गयी

यूँ ही बिना कहे मुझसे रिश्ता तोड़ गयी


काश मेरे पास कोई जादू की छड़ी होती

तो शायद तू आज भी मेरे पास खड़ी होती


अब तुझे कही हर बुरी बात मुझे अंदर तक खा जाती है

सुन ना मां तेरी बहुत याद आती है

तेरी बहुत याद आती है...

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