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'शोहरत' के रंगीन सपने
कुछ मैंने कुछ तुमने देखे..
कामयाबी के नशे में
कुछ मैं खोयी कुछ तुम झूमे..
चकाचौंध में अपना प्यार
कुछ मैं भूली कुछ तुम भूले..
मुकाम पर पहुँच के भी 'अवनि'
आज मैं तन्हा तुम भी अकेले....!
--आकांक्षा 'अवनि'
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