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July 27, 2022
जीवन में सहजता पिरोये रखना, जीव को जीवन का आनंद लेने में मदद करता है |

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जीवन में सहजता पिरोये रखना, जीव को जीवन का आनंद लेने में मदद करता है |
जीवन में सहजता पिरोये रखना,
एक ऐसा कर्तव्य है,
जिससे हुए कर्म,
जीव में चेतन मन को,
निर्मल,सच्चा,और मुक्त रखते है ||
जन्म से पिरोये हुए भाव,
जब उगते है तब चेतन मन का प्रयोग होता है,
कभी कुछ जानने को या कभी कुछ समझने को,
तब उनके साथ सहायक हुई चेतना को,
सहज रहे पाना सरल नहीं ||
ऐसा नहीं की तब मन सहज रहता नहीं,
चेतन मन के अधूरे हिस्सों की वजह से,
सहजता, चेतना के उगते हुए हिस्सों से उभरने में समय लेती है,
जिसकी वजह से सहजता खुद को,
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