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 आईने की कैद 


परछाइयों की कैद,

मैं पहचाने निकला,

भाव के दर्पण को || 


भूल बैठे की,

सत्ता तो अभी,

परछाईयों की हैं || 


परछाइयों ने,

तोड़ के दर्पण,भाव को बनाया बंदी || 


टूटे दर्पण की,

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