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हिंदी कविताPoetry1 min read

तुम ना होती तो ऐसा होता

A MehtaA Mehta March 21, 2023
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यह जो तुमसे मेरा 

सागर सा गहरा प्रेम है 


यह एक कविता है

सुन्दर सी, चँचल सी 

कोमल स्वप्नों से बुनी

चादर जैसे मखमल की 


इसमें मीठी एक सुगंध है 

मोगरे के फूलों सी

सुमधुर एक धुन है 

मन वीणा के बोलों की



इसमें समर्पण है,त्याग है

संवेदना, विश्वास है

इसमें नहीं है कोई छल  

ना ही निहित कोई स्वार्थ है 


इसमें भावनाओ की 

भीनी सी अभिव्यक्ति है

जो लड़ सके हर सत्य से

अथाह ऐसी शक्ति है  


परन्तु 

यदि तुम न होती 

तब भी यह सब होता

मन यूहीं गीत गाता

ऐसे ही सपने संजोता


क्योंकि

यह जो तुमसे मेरा 

सागर सा गहरा प्रेम है 

यह तुम्हारी नहीं 

मेरे ही ह्रदय की देन है !

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