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शिव-गणेश संघर्ष
माँ पार्वती के द्वार की रक्षा करता उनका पुत्र, शिव जी का मार्ग रोक बैठा
रक्षक बन कर माता का
रोक रहा शिव जी का पथ
अनहोनी घटना यह कैसी
आने को है भारी संकट
शिव:
कौन हो तुम बालक नादान
न जाने मेरी पहचान
हट जाओ मेरे पथ से
वरना खो बैठोगे प्राण
गणेश:
माँ पार्वती का सेवक मैं
यह ही है मेरी पहचान
माता का वचन निभाना है
चाहे जाये किसी के प्राण
शिव:
सावधान…
बालक अज्ञानी, तू है उदंड
तुझे मिलेगा इसका दंड
जब होगा मेरा रूप प्रचंड
तब टूटेगा तेरा
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