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शिव पार्वती छवि
कैलाश पर्वत पर महादेव और देवी पार्वती की छवि देखते ही बनती है
जटा में गंगा , मुख पर तेज
और शक्ति संग बिराजे
देख देख जग हो मोहित
शिव-पार्वती छवि अति साजे
पार्वती का गण
माँ पार्वती मट्टी से एक गण का निर्माण करती हैं, उसमें प्राण फूँक कर उसे जीवित कर देती हैं
पार्वती:
सब गण मेरे शंकर के
मेरे संग न कोय
आज रचूं एक ऐसा गण
जो सेवक मेरा होए
माँ पार्वती बड़े प्रेम से अपने पुत्र को निहारती हैं
सुन्दर, सुशील, शक्तिशाली
जिसकी आभा सबसे न्यारी
माता का है परम भक्त
मेरा पुत्र आज्ञाकारी
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