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Romantic PoetryPoetry1 min read

जाओ, तुम्हे मुक्त किया

A MehtaA Mehta July 20, 2022
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सभी अपेक्षाओं से

अभिलाषाओं से

कुसुमित प्रेम की

मधुर भाषाओँ से


अनकही नेत्रों की

अनगिनत गाथाओं से

विचलित ह्रदय की

अधूरी आशाओं से


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