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सभी अपेक्षाओं से
अभिलाषाओं से
कुसुमित प्रेम की
मधुर भाषाओँ से
अनकही नेत्रों की
अनगिनत गाथाओं से
विचलित ह्रदय की
अधूरी आशाओं से
कोमल स्पर्श के
झंकृत तारों से
बातों से, गीतों से
स्वप्नों से, विचारों से
अश्रुओं से, मुस्कानों से
उलझनों से, तानो बानो से
भोले से एक मन के
न जाने कितने बहानो से
जाओ आज, तुम्हे मुक्त किया
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